Up Election 2022: भाजपा को हराने के लिए इस नेता ने उठाया बड़ा कदम

 


यूपी में भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष पूरा ज़ोर लगा रहा है। यूपी भारत का वो राज्य हैं जिसमें सबसे ज्यादा यानी 403 विधानसभा सीटें है। पूरे भारत में यूपी ही ऐसा राज्य है जहां 404 विधानसभा सदस्य हैं। भारतीय अनुछेद 12 के अनुसार विधानसभा में 500 से अधिक और 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। उत्तर प्रदेश के होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है, लेकिन अगर एक अंदाजा लगाया जाए तो यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में फरवरी से मार्च में होंगे, 2017 में निर्वाचित वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में ये साफ हो जाता है की यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में फरवरी से मार्च के माहीने में होगें. 

आखिर किस पार्टी के सर सजेगा यूपी का ताज ?

पहले ये जान लेना जरूरी है यूपी में कौनसी पार्टी का चेहरा बड़े विपक्ष के रूप सामने आ रहा है। समाजवादी पार्टी विपक्ष के रूप में यूपी में एक बड़ी भूमीका निभा रहा है. वहीं खबरों की माने तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अधयक्ष अखिलेश यादव ने आरएलडी समेत कई ऐसी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है जो सिधा समाजवादी पार्टी को दलित समाज का वोट दिला सकती है। यूपी में यादव फैकटर भी अखीलेश यादाव के लिए काम कर सकता है। ओम प्रकाश राजभर भी अब अखिलेश यादाव की पार्टी को अपना समर्थन दे चुकें है. गौर करने वाली बात है की ओम प्रकाश राजभर यूपी की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार मे पिछड़ा वर्ग कल्याण के पूर्व मंत्री रहे है, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और वर्तमान में वे ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ से विधायक हैं. फिल हाल ओम प्रकाश ने समाजवादी के साथ गठबंधन कर लिया है। ओम प्रकाश ने हाल मे हुई पिछड़ा, दलित एवं अल्पसंख्यक महापंचायत में संकल्प लेता हुए ये कहा ‘ जब तक भाजपा की विदाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं ‘ . ओम प्रकाश ने ये बताया की वो बिना किसी सीट के लालच में समाजवादी के साथ हैं। इस बयान के बाद जब राजभर से ये पूछा गया कि क्या समाजवादी पार्टी ओवेसी की पार्टी AIMIM से भी गठबंधन कर सकती है. तो राजभर ने कहा कि ‘ओवेसी की पार्टी 100 सिटों की मांग कर रही है, जोकी उनको कोई पार्टी नहीं देगी’। हालांकि AIMIM के प्रवक्ता असीम वकार रजभर के इस बयान का खंडन कर चुके हैं. 

अखिलेश यादव ने आरएलडी समेत कई ऐसी पार्टीयों के साथ गठबंधन किया जो समाजवादी पार्टी को सिधा पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों का वोट दिला सकतीं है। विपक्ष की भूमिका में समाजवादी पार्टी ही फ्रंट फुट पे नज़र आ रही है। वहीं अगर बात करे कांग्रेस की तो कांग्रस यूपी में भसपा से भी पीछे खड़ी दिख रही हैं. कहा तो ऐसा भी जा रहा है आने वाले समय में आम आदमी पार्टी भी अखिलेश के साथ नजर आ सकती है। सवाल ये है कि क्या इस तरह से जातीवाद की राजनीति कर के यूपी विधानसभा 2022 का ताज हासिल किया जा सकता है ? ये तो आने वाला वक्त ही बाताएगा।

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